top of page

The Science Behind Visualization: How to Hack Your Brain for Success

  • editorhumjeetenge
  • Jun 9, 2024
  • 6 min read

Updated: Jun 11, 2024

जीतने वालों को मेरा सलाम!


Dr. Maxwell Maltz की किताब के बारे में आपने सुना होगा। इस किताब के पीछे की कहानी बहुत interesting है। "Psycho-Cybernetics" 1960 में छपी थी और उस समय positive imagery पर पहली महत्वपूर्ण किताब थी।


Sudden Changes


Psycho-Cybernetics लिखने वाले Dr. Maltz psychologist नहीं बल्कि plastic surgeon थे, जो लोगों के चहरे पर आई खराबी या चोट को सुधार देते थे। उन्होंने देखा कि operation के बाद चेहरे पर आए बदलाव के कारण कई लोगों की personality बदल गई। उनके बात करने का तरीका, चलने का style, यहाँ तक कि आवाज की tone भी बदल जाती थी।


इससे भी Interesting बात ये थी कि कुछ patient ऐसे भी थे जो operation के बाद आरोप लगाते थे कि उनका operation हुआ ही नहीं है। patients के परिवार और दोस्तों के यकीन दिलाने के बावजूद इन लोगों को अपने चेहरे पर बदलाव नहीं दिखता था। Dr. Maltz आश्चर्य में कहते हैं कि जैसे वो जानबूझ कर नए बदलाव को झुठला रहे हों।


Self Image


Dr. Maltz ने theory बनाई कि आपके अंदर जो भी ताकत और कमजोरी है, वो आपकी SELF IMAGE से पैदा होती है। शारीरिक या अन्य बदलाव तभी मायने रखते हैं जब आपके दिमाग में बैठी आपकी personality, आपकी self image बदलती है।


Dr. Maltz ने ये भी कहा कि हम लोग अपनी Self Image से बाहर जाकर कुछ नहीं कर सकते। और कई लोग अपनी self image इतनी जोर से चिपकाए होते हैं कि उन्हें plastic surgery जैसे बदलाव भी नहीं दिखते।


Some People Will Not Change


Basketball coach John Wooden अपनी किताब में कहते हैं कि University टीम में एक अच्छा player था, लेकिन बचपन से उसके मन में बैठा हुआ था कि वो 3 pointer shot नहीं लगा सकता क्योंकि बचपन में उतने दूर से shot ले पाना असम्भव था। coach कहते हैं कि उसका वहम तोड़ने के लिए हमने उसे कहा, "आज किसी की practice तब तक खत्म नहीं होगी जब तक तुम 10 shots न लगा लो।"


बहुत देर तक वो shooting करता रहा, लेकिन हम जानते थे कि वो दिखाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जैसे समय निकला तो उसे समझ आना शुरू हुआ कि coach serious हैं और बिना 3 pointers लगाए जाने नहीं देंगे। तो उसने ध्यान लगाकर shots लगाना शुरू किए और आधे घंटे में ही 10 shots पूरे कर लिए। सबने उसको बधाइयां दीं लेकिन उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा।


उस student ने Self image इतनी जोर से पकड़ी हुई थी कि उसने माना ही नहीं कि वो मैच में 3 pointer लगा सकता है। कई दिनों तक याद दिलाने पर भी, उसने मैच में 3 pointers लगाने की कोशिश नहीं की और वो जल्दी ही टीम से बाहर हो गया।


Brain works on Feedback

Maltz कहते हैं कि आपका दिमाग आपकी बनाई हुई तस्वीरों या feedback पर काम करता है। जब आप goal बनाते हैं और उस पर काम करते हैं, तो आप अपने self image में छोटे बदलाव लाना शुरू करते हैं। अगर self image में निश्चित बदलाव नहीं आते, तो पुरानी आदतें आपको वापस घेर लेती हैं और आप चक्कर वापस लगाकर वही आ जाते हो जहां से आपने शुरू किया था।

अगर समय के साथ अगर self image में सही परिवर्तन होता है, तो आप Goal तक पहुंच जाते हैं। Dr. Maltz की theory आज neuroscience की research में भी कायम है।


Neuroscience of Visualization


Scientist कहते हैं कि आपका दिमाग कल्पना और reality में अंतर नहीं कर पाता। उनका मतलब है कि अगर चिंतित होकर भविष्य के बारे में कुछ सोचो या वो हालत सच में सामने आ जाएं, तो दिमाग दोनों परिस्थितियों में एक जैसा ही react करेगा। वही neurochemicals छोड़ेगा, और एक जैसे ही hormone trigger होंगे। दिमाग के वही neural circuit activate होंगे या वैसे ही thought reaction होंगे जो चिंता होने या मुसीबत आने पर प्रकट होते हैं। Neuroscientists इस प्रक्रिया को कहते हैं "Neurons that fire together wire together," जिस कारण जैसा हम देखेंगे और कल्पना करेंगे, वैसे ही हमारे thought patterns और belief system बनेंगे। इन सबके साथ-साथ Visualization करने से RAS (Reticular Activating System) भी activate होता है। दिमाग का ये हिस्सा environment से नए signals को scan और filter करता है। आपने देखा होगा कि जब किसी नए idea के बारे में देर तक सोचते हैं, तो उस idea से संबंधित बातें, news, information और अवसर बार-बार दिखाई देने लगते हैं। इसलिए अगर अपने goals और उसके process के बारे में visualize करते हैं, तो आपको उसी से जुड़े ideas और information दिखने लगते हैं, जो अभी तक आपका दिमाग filter करते आ रहा था।


आज की तारीख में बहुत लोग Visualization बता रहे हैं। इन feel-good, videos और articles से अच्छा तो लगता है, लेकिन Visualization में क्या विशेषता होनी चाहिए, हम कुछ Tips के माध्यम से समझ सकते है


Practical Tips:


हम लोग सबसे खास दो groups की बात सुनते हैं: एक psychologist और दूसरे खासकर sport coaches, इसलिए कि ये जवान बच्चों में result ले कर आते हैं जो score board पर साफ दिखते हैं।


  1. पहली tip देती हैं Emily Cook, जो freestyle skier हैं। वे कहती हैं कि पहली बात आपको पता होना चाहिए कि आप Visualization क्यों कर रहे हो: डर खत्म करने के लिए या technique अपने दिमाग में बिठाने के लिए। मैंने पूरी technique लिखकर record की थी और इस टेप को मैं दिन में कई बार सुनती थी। बहुत कमाल की tip है दोस्तों! अगर आपको Visualize करने में दिक्कत आ रही है, तो आपको उसे लिखकर mobile में record कर लेना चाहिए और guided Visualization की तरह प्रयोग करना चाहिए। अगली tip देखने के लिए एक study समझते हैं।

  2. University of California की research में students को अपने final grades और अच्छे marks के बारे में सोचने बोला गया। students दो महीने तक देखते रहे कि वे कैसे अच्छे grades ला कर खुश हो रहे हैं, उनको अच्छी नौकरी मिल गई है और सब उनको कैसे बधाई दे रहे हैं। लेकिन इन students का result दूसरे group से 20% कम आया क्योंकि इस Visualization के प्रभाव से students निश्चिंत हो गए और तैयारी को हल्के में लिया।

  3. इसी study में दूसरा ग्रुप भी था, जिनको revision का process visualize करने बोला गया। इन students ने revision या तैयारी का process पूरे detail में देखा। इस visualization के कारण पढ़ाई और revision करने की हिचक जाती रही और इन students ने बाकी groups से ज्यादा समय पढ़ाई में लगाया और अच्छे no. से पास हुए। ये study tennis players और golfers के साथ भी दोहराई गई। इन groups ने, न केवल अभ्यास में ज्यादा समय लगाया बल्कि अभ्यास का स्तर भी बेहतर होता रहा।

  4. Ohio State University की study में music students के 2 groups को Visualization कराया गया। पहले group से बोला गया कि first person view में खुद को music बजाते हुए पूरे detail में देखो और दूसरे ग्रुप से बोला गया कि आप first person view के साथ-साथ अपने आप को stage पर बजाते हुए third person view से भी देखो। तो result में दूसरे ग्रुप ने ज्यादा बेहतर performance दी। Researchers कहते हैं कि हमें exactly नहीं पता कि दिमाग में ऐसा क्यों होता है, फिर भी हम कह सकते हैं कि third person view में visualize करने से दिमाग को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए शायद ज्यादा neural connections activate होते हैं।

  5. Sport Psychologist Dr. Michael Gervais कहते हैं कि हमारा उद्देश्य athlete के दिमाग में बिल्कुल असली experience पैदा करना है। इसलिए Visualization के समय आपको पांचों senses का प्रयोग करना है। आप न केवल अच्छा shot लगाते हुए slow motion में खुद को देखते हो, बल्कि अच्छा shot लगाने की आवाज सुनते हो, उसका vibration शरीर में महसूस करते हो। आप court या ground की खुशबू भी सूँघते हो, आप ठंड और गर्मी भी महसूस करते हो। फिर आप यही process third person में भी देखते हो। आपको अपने दिमाग में इतनी बार rehearsal करना है कि शरीर को बिलकुल यकीन हो जाए और match की परिस्थितियों में वो अपने आप react करने के लिए तैयार हो रहे।

  6. Germany की प्रसिद्ध psychologist Gabriele Oettingen, जिन्होंने emotion, thinking pattern और motivation पर उल्लेखनीय काम किया है, ने अपनी किताब "Rethinking Positive Thinking" में लोगों को motivate करने के लिए Doublethink का उपयोग किया। जिसमें success और परेशानी दोनों को visualize करते हैं। problem को solve करने का plan बनाकर उस plan को step by step visualize करने से हम असलियत में problems को आसानी से solve कर सकते हैं और Goal को पूरा करने का motivation भी बढ़ जाता है। ये visualization उन्होंने business managers, housewives, students, athletes और विभिन्न लोगों के साथ सफलता पूर्वक कराया। हिम्मत~हरकत~होशियारी हम जीतेंगे|

Recent Posts

See All
Conquer Tough Goals : 5 Minute Secret Visualization

खुद से जीतने वालों को मेरा सलाम! इस blog में हम ऐसी Research based और Scientific Visualization technique पढ़ेंगे जो Long term Goals के...

 
 
bottom of page